Deled Course 508 Assignment 2 Answer 2 in Hindi

Deled course 508 Assignment 2 का Answer 2 मैंने नेचे question के साथ लिख दिया है जिसे Nios द्वारा प्रकाशित Deled Pdf से छाट कर लिखा है |

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर मैं 500 शब्दों में देने का प्रयास किया है आप चाहे तो स्वयं ही आगे कुछ शब्द जोड़ सकते है और असाइनमेंट जल्द से जल्द तैयार करके Study center में जमा कर दे |
Deled Course 508 Assignment 2 Answer 2 in Hindi
प्रश्न : कार्य शिक्षा से सम्बंधित क्रियाकलापों में विद्यार्थियों का समूहीकरण व समाय निर्धारण एक सशक्त भूमिका रखते है | इस कथन को स्पष्ट करे |
 (Explain the concept of work education in the light of purposeful and meaningful physical work)

उत्तर : कार्य शिक्षा को उद्देश्यपूर्ण और सार्थक शारीरिक श्रम मन गया है जो शिक्षण प्रक्रिया के अन्तरंग भाग के रूप में आयोजित किया जाता है | उएह अर्थपूर्ण सामग्री के उत्पादन और समुदाय की सेवा के रूप में परिकल्पित होता है जिसमे बच्चे आत्मसंतोष तथा आनंद का अनुभव साझा करते है |

कार्य शिक्षा ज्ञान, समझ, व्यवहारिक कौशल और मूल्यपरक जीवन क्रियाओ को भौतिक गतिविधियों में सम्मिलित करने पर जोर देती है |कार्य शिक्षा की अवधारणा को निम्नलिखित घटकों में बेहतर रूप से समझा जा सकता है -


कार्य शिक्षा :-

  • हाथ और मस्तिष्क में समायोजन स्थापित करती है 
  • भौतिक क्रियाओ में अन्ह्तार्निहित समाजोपयोगी शारीरिक श्रम है 
  • सिखने की प्रक्रियाओ का अनिवार्य व महत्त्वपूर्ण घटक है 
  • समुदाय के लिए उपयोगी सेवाओ अथवा उत्पादक कार्य के रूप में परिलाछित होती है 
  • बह्स्तारिय शिक्षा प्रणाली के हर चरण में आवयशक घटक के रूप में जुडी हुई है 
  • करने के द्वारा शिकने के सिद्धांत पर आधारित है |

कार्य शिक्षा में अंतर्निहित कार्य :-

  • समस्या समाधान, समालोचनात्मक सोच, निर्णय लेना आदि कौशलो का विकास करते है
  • सभी विषयों से जुड़े शिक्षको की भागीदारी आमंत्रित करते है 
  • विद्यार्थियो की आवश्यकताओ, रुचियों व् क्षमताओ पर आधारित होते है 
  • शिक्षा के स्तरों (Stages) के अनुसार विधार्थियो की दक्षाताओ में वृद्धि करते है 
  • व्यक्तित्व के विकास में सहायता करते है 
  • व्यावसायिक तत्परता तथा उत्पादन सम्बन्धी कुशलता में वृद्धि व् विकास करते है |
  • विविध प्रकार की युक्तियो, तकनीको, उपकरणों व् पदार्थो के साथ अंतःक्रिया के अवसर सुलभ करते है |

कार्य शिक्षा की सफलता के लिए जरुरी है 

  • विचारों का खुलापन 
  • श्रम के प्रति आदर एवं सकारात्मक दृष्टिकोण 
  • समुदाय व विद्यालय के बीच सकारात्मक संबंध 
  • सहयोग की भावना 
  • कल्पनाशीलता एवं रचनात्मक दृष्टिकोण


कार्य शिक्षा की महत्ता को निम्नलिखित परिप्रेछ्य में समझा जा सकता है -
  1. बच्चो में अपने शारीर की प्राकतिक आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए नियमित आदतों और सकारात्मक दृष्टीकोण जा विकास होता है |
  2. अपने आसपास के परिवेश के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता उत्पन्न करना तथा मानव जाती और पर्यावरण के अन्तःसम्बध के प्रति समझ विकसित होती है |
  3. शारीरिक कार्य और श्रम के महत्त्व के प्रति समझ व् सम्मान की भावना पैदा होती है |
  4. सामाजिक रूप से वांछनीय मूल्यों का विकास करने में मदद मिलती है |
  5. नियमितता, समय की पाबन्दी, स्वछता, उद्यमशीलता, समानता के प्रति संवेदनशीलता, भाई चारे की भावना, इन सभी गुणों का विकास मात्र किताबे पढने या प्रवचन सुनने से नहीं होता बल्कि जब विद्यार्थी मिलजुल कर भिन्न भिन्न प्रकार के कार्यकलाप करते है | तब स्वतः उनके अन्दर सामाजिक रूप से वांछनीय गुण पल्लवित होते है |
  6. कार्य शिक्षा के माध्यम से पोषण, आहार, संक्रामक रोग, स्वच्छता संबधी नियमों की जानकारी मिलती है, कार्य के जरिये वे सामुदायिक स्वच्छता बनाये रखने के प्रति सचेत व सजग होते है |
  7. स्वभिव्यक्ति और रचनात्मकता के गुण का पोषण - प्रत्येक बच्चे में से पर्याप्त संभावनाए होती है और कलात्मक अभिव्यक्ति उसका स्वाभाविक लक्षण है |

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