Deled Course 509 Assignment 2 Answer 1 in Hindi

Nios Deled course 509 Assignment 2 का Answer 1 मैंने यहाँ 500 शब्दों में दे दिया है जिसे आप नीचे देख सकते है |
ध्यान रहे की आप भी इस question का answer कम से कम 500 शब्दों में दे और  काले और नीले पेन से ही उत्तर लिखे |
Deled Course 509 Assignment 2 Answer 1 in Hindi
प्रश्न 1) उच्च प्राथमिक स्तर पर सामाजिक-विज्ञान पाठचर्या में भूगोल के शिक्षण की आवश्यकता बताइए | कक्षा VI-VIII की सामाजिक विज्ञान पाठचर्या में से अपनी रूचि का भगोल विषय का पाठ चुनकर एक पाठ योजना तैयार कीजिये |

उत्तर : अब तक हमने भूगोल का अध्ययन सामाजिक विज्ञान के एक घटक के रूप में किया है | अब हमारे पास भूगोल की जरुरत, प्रकृति, विषय वास्तु, उपागमो और शाखाओ के बारे में स्पष्ट धारणा है |इस खंड में हम उच्च प्राथमिक स्टार पर भूगोल शिक्षण के उद्देश्यों से अपने आप को परिचित भी करेगे | आप को जानकारी है की सामाजिक विज्ञानों का शिक्षण अधिगम पाठ्यसहगामी क्षेत्रो का अनिवार्य अंग है | इस पाठ्य सहगामी क्षेत्र के महत्व को विद्यालयी शिक्षा के सभी स्तरों पर अनुभूत किया जा सकता है जैसे- प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक |

निसंदेह प्रकृति, विषय वास्तु और उपागम बदलते रहते है | प्राथमिक स्टार पर कक्षा v तक यह विषय पर्यावरण विज्ञान के रूप में पढाया जा है | संपूर्ण प्राथमिक स्टार पर यह एक एकीकृत पाठ्यचर्या क्षेत्र के रूप में अनुभूत किया जाता है | इस स्तरपर पर्यावरण विज्ञान का पाठ्यक्रम बच्चो के जीवन के नजदीक छः सामान्य विषयो जैसे परिवार और वस्त्र, भोजन और आश्रय, पानी, यात्रा और वस्तुए जो हमने बनाई है इर्द-गिर्द बुना गया है |

पर्यावरण विज्ञान का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा 2005 के आधार पर बनाया गया है जो बच्चे का ध्यान समय, स्थान और समाज में जीवन के विस्तृत विस्तार की ओर खीचने का प्रयास करता है, उन तरीको से एकीकृत करता है जिनमे वह अपने आसपास के संसार का अवलोकन करता है और समझता है | उच्चे प्राथमिक स्टार पर यह प्रक्रिया जारी रहती है किन्तु अधिक ध्यान विशिष्ट विषयो और उन विषयों जिसके माध्यम से सामजिक बिज्ञान के परिप्रेक्ष्यो का विकास हुआ है की ओर होता है |
  • मानवजाति के अधिवाश के रूप में पृथ्वी और जीवन के अन्य रूपों के बारे में समझ विकसित करता है |
  • अधिगम करता को वैश्विक संधर्भ में उनके अपने क्षेत्र राज्य और देश के अध्ययन में प्रवर्तित करता है |
  • आर्थिक संशाधनो के वैश्विक वितरण और वैश्विकरण की जारी प्रक्रियाओ को प्रवर्तित करता है |
  • विविध क्षेत्रो और देशो की अन्तः निर्भरता की समझ प्रोन्नत करता है |

पाठ योजना : परिवहन पूर्वालोकन 

इन खंडो में हम 'परिवहन' पर इसके भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में एक मुद्दे के रूप में मिलेगे | शिक्षण बिन्दुओ अधिगम उद्देश्यों को वतने और शिक्षा के साथ उपयुक्त शिक्षण विधियों को ग्रहण कर आपको एक पाठ योजना बनाने का प्रयास करता है | प्रारूप में यद्धपि कुछ राज्यों के उदहारण दिए गए है, विद्यार्थियो को परिवहन के बारे में समझ बनाने में सहायता के लिए आप अपने राज्य या पडोसी राज्य का उदहारण लेने के लिए सतत है |

उद्देश्य :

इस पाठ योजना का अध्ययन का आप सक्षम होगे :-
  • परिवहन के विषय वास्तु का विश्लेषण करने में |
  • अधिगम को सुसाध्य करने के लिए विषय वास्तु को क्रमबद्ध करने में |
  • अध्याय के अधिगम उद्देश्यों को तैयार करने में | 
  • अधिगम को सुसाध्य करने के लिए रणनीतियो का सुझाव् देने में |
  • प्रवाह चार्ट और आरेख खीचने में |
  • अध्याय के सभी स्तरों पर मानचित्रो का उपयोग करने में | 

शिक्षण बिंदु :

  • परिवहन की पद्धतिया - सड़क यातायात, रेलवे, जल्यातायात और हवाई यातायात |
  • एक दिए गए स्थान पर परिवहन की पद्धतियों की उपलब्धता के लिए उत्तरदायी कारक |
  • जनसँख्या वितरण, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक परिवर्तन का परिवहन पर प्रभाव |

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