गायत्री माता की आरती हिंदी में | Gayatri Mata Ki Aarti | Arti Shri Gayatri Ji Ki

 

Gayatri Mata Ki Aarti | Arti Shri Gayatri Ji Ki

गायत्री माता हिन्दू धर्म में ज्ञान, संगीत और वेदों की देवी के रूप में पूजी जाता हैं | एक प्रमुख मंत्र  ॐ भूर् भुवः स्वः गायत्री मंत्र गायत्री माता से जुडा हुआ एक पवित्र मानता हैं | हर धार्मिक पूजा व अनुष्ठान में यह मंत्र बोला जाता हैं |  

गायत्री माता को त्रिदेव लक्ष्मी, पार्वती और सरस्वती का अवतार माना जाता हैं | इनकी उपासना से ज्ञान, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती हैं |

Gayatri Mata Ki Arti in Hindi 

आरती श्री गायत्री जी की।

ज्ञानदीप और श्रद्धा की बाती।

सो भक्ति ही पूर्ति करै जहं घी की॥

आरती श्री गायत्री जी की॥


मानस की शुचि थाल के ऊपर।

देवी की ज्योत जगै, जहं नीकी॥

आरती श्री गायत्री जी की॥


शुद्ध मनोरथ ते जहां घण्टा।

बाजैं करै आसुह ही की॥

आरती श्री गायत्री जी की॥


जाके समक्ष हमें तिहुं लोक कै।

गद्दी मिलै सबहुं लगै फीकी॥

आरती श्री गायत्री जी की॥


संकट आवैं न पास कबौ तिन्हें।

सम्पदा और सुख की बनै लीकी॥

आरती श्री गायत्री जी की॥


आरती प्रेम सौ नेम सो करि।

ध्यावहिं मूरति ब्रह्म लली की॥

आरती श्री गायत्री जी की॥




Aarti Shri Gayatri ji ki
Gyandeep aur Shraddha Ki Baati
So Bhakti Hi Purti Karai Janh Ghee Ki
Aarti Shri Gayatri Ji Ki

Manas Ki Shuchi Thal Ki Upar
Devi Ki Jyoti Jagai, Jahan Niki
Aarti Shri Gayatri Ji Ki

Sudhh Manorat Te Jahan Ghanta
Bajai Karai Aasuh Hi Ki
Aarti Shri Gayatri Ji Ki

Jake Samaksh Hamein Tihun Lok Kai
Gaddi Milai Sabahun Lagai Fiki
Aarti Shri Gayatri Ji Ki

Sankat Aawai N Paas Kabau Tinhe
Sampada Aur Sukh Ki Banai Liki
Aarti Shri Gayatri Ji Ki

Aarti Prem Sou Nem So Kari
Dhyawahi Murat Brahm Lali Ki
Aarti Shri Gayatri Ji Ki


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